हर इंसान के जीवन में ऐसे पल आते हैं जब वह खुद से हार मानने लगता है। हालात कठिन हो जाते हैं, मन टूटने लगता है और मंज़िल दूर दिखाई देती है। लेकिन उसी समय एक छोटी-सी प्रेरणा, एक शब्द, एक विचार या एक कविता भी हमारी सोच को बदल सकती है। Self Motivation Poem in Hindi न सिर्फ आपको हौसला देती है, बल्कि आपको अपनी ताकत याद दिलाती है — कि आप अकेले नहीं हैं, और आप बहुत कुछ कर सकते हैं। यह कविता आपके भीतर छुपे हुए आत्मविश्वास को जगाने का काम करेगी।
Poem in Hindi :ग़ैरों की बाहों में
तेरे साथ चलने का इक सपना था मेरा,
हर धड़कन में बस तुझको ही देखा था मैंने।
तेरी हँसी में जैसे जन्नत नजर आई,
तेरी बातों में खो जाना आदत सी बन गई।
तेरे ख्यालों में ही सुबहें बीतती थीं,
तेरे नाम से ही मेरी शामें सजती थीं।
मेरे हर दिन की शुरुआत तू थी,
और हर रात का सुकून भी बस तू थी।
तेरे लिए मैंने खुद को भी भुला दिया,
अपनों से भी ज़्यादा तुझे अपना बना लिया।
तेरे झूठ को भी सच मान लिया बेइंतेहा,
बस तेरे प्यार को खुदा समझ लिया।
लेकिन तूने क्या किया, ये दिल जानता है,
जिसे मैंने खुदा माना, उसने ही धोखा दिया।
तेरे कदमों के निशां अब किसी और राह पर हैं,
तेरी मुस्कान अब किसी और के गालों पर है।
ग़ैरों की बाहों में तू मुस्कुरा रही है,
और मैं तन्हाई में खुद को जला रहा हूँ।
तेरे लब किसी और का नाम ले रहे हैं,
और मैं अब भी तेरा ही नाम जप रहा हूँ।
तेरे बिना ज़िंदगी अधूरी सी लगती है,
हर सुबह अब उदासी में ढलती है।
मैंने तुझे अपना सब कुछ समझ लिया था,
और तूने मुझे एक मोहरा बना दिया था।
मेरे सपनों की नींव को तूने ही तोड़ा है,
मेरे भरोसे को तूने ही कुचला है।
जिसे प्यार का नाम दिया था मैंने,
उसने मुझे ग़म का दूसरा नाम दिया है।
तेरी हर हँसी अब जहर सी लगती है,
तेरी यादें अब एक सज़ा सी लगती हैं।
तेरा चेहरा देखूँ तो आँखें भर आती हैं,
तेरे झूठे वादे अब रातों को जगाते हैं।
कभी तू मेरे नाम की दीवानी थी,
आज तू किसी और की कहानी है।
जिसे मैंने सिरहाने रखा था,
वो अब मेरे कांधों पर बोझ बन चुकी है।
ग़ैरों की बाहों में तू खुश है शायद,
तेरी हँसी में अब मेरा कोई हिस्सा नहीं।
मैंने जो ख्वाब तेरे साथ देखे थे,
वो अब किसी और की आँखों में पलते हैं।
मैंने चाहा था कि तू मेरे साथ चले,
लेकिन तू तो ग़ैरों के साथ निकल चली।
तेरी रूह से रिश्ता था मेरा,
और तूने मेरी रूह ही कुचल दी।
अब ना तुझसे कोई शिकवा है,
ना कोई शिकायत बाकी है।
बस यादें हैं तेरी, जो हर रोज़ मारती हैं,
तेरा नाम अब भी दिल से नहीं जाता।
तेरे जाने के बाद मैं टूटा नहीं हूँ,
बल्कि खुद को नया बनाने में लगा हूँ।
अब मोहब्बत पर भरोसा नहीं रहा,
लेकिन मोहब्बत से नफरत भी नहीं है।
मैं अब भी शायरी करता हूँ तेरे लिए,
हर मिसरे में तेरा नाम आता है।
लेकिन अब वो मोहब्बत नहीं बची,
जो तेरे झूठ पर भी मुस्कुराती थी।
तू ग़ैरों की बाहों में है आज,
और मैं खुद से सवाल करता हूँ।
क्या मैं इतना बुरा था,
या तू ही मोहब्बत की कद्र नहीं कर सकी?
शायद जवाब कभी नहीं मिलेगा,
शायद तू कभी लौटकर नहीं आएगी।
लेकिन तुझे भूल जाऊँ ऐसा भी नहीं होगा,
क्योंकि सच्चा प्यार भुलाया नहीं जाता।
आज भी अगर तुझे किसी मोड़ पर देख लूं,
तो दिल की धड़कन बढ़ जाती है।
पर अब तेरी तरफ़ कदम नहीं उठते,
क्योंकि अब तुझसे ज़्यादा खुद की कद्र आती है।
तेरे जाने का ग़म भी है,
और तेरे साथ बिताए लम्हों का शुक्रिया भी।
क्योंकि तूने ही मुझे सिखाया,
कि सच्चा प्यार भी अकेले निभाया जा सकता है।
ग़ैरों की बाहों में अब तू चाहे जितनी हँसी हो,
मैं अब भी तेरी मोहब्बत की कसम खा सकता हूँ।
क्योंकि मेरा प्यार सच्चा था,
तेरा झूठ नहीं उसे मिटा सकता।
मैं अब आगे बढ़ चला हूँ,
तेरी यादों को आहिस्ता-आहिस्ता दफ़न करता हूँ।
पर कभी-कभी तेरी यादों की हवा चलती है,
और मैं फिर उस बीते वक़्त में लौट जाता हूँ।
तेरे बिना जीना सीख लिया है मैंने,
पर जीते जी तुझे भुला पाना शायद मुमकिन नहीं।
तेरा नाम अब भी इस दिल की ज़ुबान पर है,
लेकिन अब वो दर्द बन चुका है।
ग़ैरों की बाहों में तू खुश रह,
तेरा नसीब वहीं लिखा था शायद।
मैं अपनी मोहब्बत को अब कविता बना चुका हूँ,
तू भले भूल जा, मैं हमेशा याद रखूँगा।
Self Motivation Poem Hindi
“चल उठ, तू खुद की पहचान बना”

रुक मत ए मुसाफ़िर, रास्ते बहुत हैं,
मुसीबतें आएंगी, पर हौसले भी साथ हैं।
जो झुक जाए हालातों से, वो दिल नहीं,
जो हर हाल में उठे, वही असली जज़्बात हैं।
मत सोच कि तू अकेला है इस राह में,
हर शख्स कभी न कभी टूटा है चाह में।
पर जिसने खुद को फिर से जोड़ा है,
वही नाम रोशन हुआ इस दुनिया की निगाह में।
तेरे अंदर वो आग है जो पहाड़ पिघला दे,
तेरा हौसला वो तूफ़ान है जो दरिया हिला दे।
तू खुद को जान, अपनी काबिलियत को पहचान,
हर गिरने को बना ले तू अपनी नयी उड़ान।
कोई और नहीं तेरे सपनों का मसीहा,
तू खुद है अपना सबसे बड़ा सिपाही।
जब थक जाएँ कदम, दिल को समझा लेना,
“बस थोड़ा और”, ये कहकर फिर से चल पड़ना।
मुश्किलें तो आएंगी, डर भी लगेगा,
अंदर से तू टूटेगा, पर फिर भी जलेगा।
हर रात की सुबह होती है, ये जान,
अंधेरे के बाद ही तो दिखते हैं नयी पहचान।
जिसे तू हार समझ बैठा है, वो तो शुरुआत है,
हर नाकामी के पीछे छुपी तेरी ताक़ात है।
चल, अब ठहर मत, डर को आँखें दिखा,
जीत की कहानी तू खुद अपने हाथों से लिखा।
तेरा सपना तुझसे बड़ा नहीं हो सकता,
तेरा डर तुझसे गहरा नहीं हो सकता।
तू खुद से हार गया तो जमाना क्या कहेगा?
खुद की नज़रों से गिरा तो बाकी क्या बचेगा?
मत देख कौन क्या बोलता है पीछे से,
बस तू चल, तुझमें दम है सीने से।
जो दिल से लड़े, वो हारता नहीं,
जो खुद से जीता, उसे कोई मारता नहीं।
चल, अब समय है खुद को साबित करने का,
हर ठोकर को सीढ़ी बनाने का, खुद को जानने का।
दुनिया को दिखा दे कि तू क्या कर सकता है,
खुद पे यकीन रख, तेरा वक्त भी बदल सकता है।
🔥 कविता का सारांश (संक्षेप में):
यह कविता कहती है कि —
तुम्हारा सबसे बड़ा साथी तुम खुद हो।
मुसीबतें आएंगी, रास्ते कठिन होंगे, लेकिन हार मानना विकल्प नहीं है।
अगर तुम खुद पर विश्वास रखो और एक कदम और आगे बढ़ाओ, तो कोई तुम्हें रोक नहीं सकता।
निष्कर्ष (Conclusion):
प्रेरणा कभी बाहर से नहीं आती, वह हमेशा हमारे अंदर होती है। बस ज़रूरत होती है उसे आवाज़ देने की। अगर ऊपर दी गई Self Motivation Poem in Hindi ने आपके दिल को छुआ हो, तो उसे अपने दोस्तों और अपनों के साथ ज़रूर साझा करें। कभी-कभी एक पंक्ति भी किसी की ज़िंदगी बदल सकती है। याद रखिए — मंज़िल चाहे कितनी भी दूर हो, अगर हौसला साथ हो तो रास्ता खुद बन जाता है।
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