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Matlabi Rishte Dhoka Shayari – मतलबी रिश्तों और धोखे पर दिल छूने वाली शायरी

Matlabi Rishte Dhoka Shayari

ज़िंदगी में हम सभी ने कभी न कभी किसी न किसी ऐसे रिश्ते का अनुभव किया है जिसमें सामने वाले ने अपने मतलब के लिए हमारा साथ दिया, और जब उनका मतलब पूरा हो गया तो हमें अकेला छोड़ दिया। ऐसे मतलबी रिश्तों और धोखे से भरे अनुभवों को शब्दों में ढालना ही शायरी का असली जादू होता है। जब दिल टूटता है, तो जुबान नहीं, शायरी बोलती है। इस आर्टिकल में हम ऐसे ही matlabi rishte dhoka shayari की गहराई में उतरेंगे और जानेंगे कि कैसे ये अल्फाज़ दिल का दर्द बयां करते हैं।

Matlabi Rishte Shayari – जब रिश्ते सिर्फ मतलब के लिए बनते हैं

आजकल के रिश्तों में पहले जैसी सच्चाई और ईमानदारी नहीं रह गई है। बहुत से लोग अब अपने स्वार्थ के लिए दूसरों के साथ जुड़ते हैं। जब तक उनका काम चलता है, तब तक वो आपके साथ रहते हैं, और जब उनका काम खत्म हो जाता है तो वो आपको पहचानने से भी इंकार कर देते हैं।

यह स्थिति सबसे अधिक दर्द देती है, क्योंकि रिश्ते वो जगह होते हैं जहाँ इंसान सुकून ढूंढता है। लेकिन जब वही रिश्ते मतलब के पुलिंदे बन जाएं, तो भरोसे का मरना तय है।

मतलबी रिश्तों पर शायरी का असर

शायरी एक ऐसा माध्यम है जो न सिर्फ दिल का दर्द बयान करती है, बल्कि पढ़ने वाले को भी सोचने पर मजबूर कर देती है। जब कोई मतलबी रिश्ते में धोखा खाता है, तो उसे खुद को संभालने के लिए शब्दों की ज़रूरत होती है, और यही शब्द शायरी बन जाते हैं।

कुछ उदाहरण:

Matlabi Rishte Dhoka Shayari

“मत पूछ हाल रिश्तों का, यहाँ मतलब का मोल है,
हर कोई अपना तब तक, जब तक तू अनमोल है।”

“कभी जो लगते थे अपने, आज अजनबी से हो गए,
मतलबी रिश्ते क्या छूटे, हम खुद से ही खो गए।”

Dhoka Shayari – जब विश्वास टूटता है तो अल्फाज़ रोते हैं

धोखा… एक ऐसा शब्द जो किसी भी इंसान की ज़िंदगी को अंदर से तोड़ सकता है। जब किसी अपने पर भरोसा करके उसके साथ हर पल बिताओ और वो इंसान एक दिन धोखा दे जाए, तो दिल के हजार टुकड़े हो जाते हैं। लेकिन इन टूटे टुकड़ों को जोड़ने में मदद करती है – धोखा शायरी।

धोखे से उपजी शायरी सिर्फ दर्द नहीं बयान करती, बल्कि वो दिल के अंदर छुपे जज़्बातों की चीख बनकर सामने आती है।

दिल को चीर देने वाली धोखा शायरी

“तुझसे क्या गिला करूं, ग़लती तो मेरी ही थी,
जो तेरे जैसे मतलबी को दिल की जगह दी।”

“तेरी वफाओं ने मुझे धोखे का स्वाद चखाया,
अब किसी पर भरोसा करने से डर लगता है।”

“जिसको चाहा सबसे ज़्यादा, उसी ने दिया धोखा,
अब तो अपनी परछाई से भी डर लगता है।”

जब रिश्ता मतलब बन जाए – एक सामाजिक सच्चाई

आज के समाज में रिश्तों की परिभाषा बहुत बदल चुकी है। पहले जहां रिश्तों में त्याग और समर्पण होता था, अब वहां मतलब, स्वार्थ और दिखावा ज्यादा दिखता है। माता-पिता, दोस्त, प्रेमी या जीवनसाथी, सभी में से कोई भी मतलबी बन सकता है अगर उनका उद्देश्य केवल स्वार्थ सिद्ध करना हो।

और जब कोई ऐसा रिश्ता टूटता है जो दिल के करीब होता है, तब ही शायरी का जन्म होता है।

Matlabi Rishte Dhoka Shayari – दिल से निकली 10 ताज़ा शायरियाँ

Matlabi Rishte Dhoka Shayari

“रिश्तों की मिठास अब सिर्फ दिखावे तक है,
दिल से निभाने वाले लोग अब किताबों में रह गए।”

“तेरे झूठ ने सिखा दिया,
कि हर मुस्कान के पीछे प्यार नहीं होता।”

“मतलबी थे वो लोग, पर हम समझ नहीं पाए,
धोखा भी ऐसे दिया कि वक़्त भी ठहर जाए।”

“जो अपना कहा करते थे,
आज बेगानों में गिनती करते हैं।”

“दिल लगाया गलत इंसान से,
अब तो आईना भी पराया लगता है।”

“तेरी हर बात अब जहर लगती है,
कभी जो दवा थी, आज वो ही दर्द बन गई है।”

“जिसे हमने सबकुछ मान लिया,
वो हमें सिर्फ वक़्त बिताने का ज़रिया समझता रहा।”

“तेरी बेवफाई ने मेरा यकीन तोड़ दिया,
अब रिश्तों की कोई कीमत नहीं रही।”

“तेरे झूठ ने मुझे सिखाया,
कि अब खामोशी में ही सुकून है।”

“अब किसी से न उम्मीद है, न ही शिकवा,
जो दिल तोड़ते हैं, वो सजा नहीं, सबक बन जाते हैं।”

शायरी क्यों ज़रूरी है ऐसे रिश्तों में?

जब इंसान किसी अपने से धोखा खाता है, तो उसका मन टूट जाता है। उसे किसी सहारे की ज़रूरत होती है, कोई ऐसा जो उसके अल्फाज़ों में छुपे दर्द को समझ सके। और यही सहारा बनती है शायरी।

शायरी वो रास्ता है जहाँ हम अपने दर्द को बिना बोले किसी तक पहुँचा सकते हैं। यह न सिर्फ एक अभिव्यक्ति का साधन है, बल्कि एक तरह का हीलिंग प्रोसेस भी बन जाता है।

Shayari का असर सोशल मीडिया और युवा पीढ़ी पर

आज की युवा पीढ़ी अपनी भावनाएं खुलकर सामने लाना जानती है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे Instagram, WhatsApp, Facebook आदि पर matlabi rishte dhoka shayari सबसे ज्यादा शेयर की जाती हैं।

क्यों?

क्योंकि यह हर किसी के दिल से जुड़ी होती हैं। ये शायरियाँ सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं होती, बल्कि हजारों दिलों की आवाज़ बन जाती हैं।

Matlabi Rishte और Dhoka – इनसे कैसे उबरें?

अगर आपने भी किसी रिश्ते में धोखा खाया है या किसी ने सिर्फ मतलब के लिए रिश्ता निभाया, तो सबसे पहले खुद को दोष देना बंद करें। याद रखें:

  • आपका दिल साफ था, इसलिए आप झूठ को पहचान नहीं पाए।
  • आपने रिश्ता निभाया, किसी के दिखावे से नहीं, दिल से।
  • आपका दर्द असली है, और वक्त के साथ ये भी ठीक हो जाएगा।

आप चाहें तो इस दर्द को शब्दों में बदलकर खुद भी शायरी लिख सकते हैं। यही सबसे बड़ी ताकत है – अपने दर्द को अपनी आवाज़ बनाना।

निष्कर्ष – जब मतलब हावी हो जाए, तो शायरी ही सहारा बनती है

हर रिश्ता खास होता है, लेकिन जब उसमें धोखा और मतलब घुल जाए, तो वो रिश्ता जहर बन जाता है। और उस ज़हर को बाहर निकालने का सबसे अच्छा तरीका है – शायरी।

matlabi rishte dhoka shayari न सिर्फ एक एहसास है, बल्कि एक अनुभव है जिसे हर दिल कभी न कभी महसूस करता है। इसलिए, अगर आप भी अपने दिल की बात कहना चाहते हैं, तो इन शायरियों को ज़रूर पढ़िए, शेयर कीजिए और अपने जज़्बातों को जुबान दीजिए।

Matlabi Rishte Shayari (मतलबी रिश्तों पर शायरी)

Matlabi Rishte Dhoka Shayari

जो हमेशा अपने कहे करते थे वादे,
मतलब खत्म होते ही तोड़ दिए सारे इरादे।

रिश्तों की भीड़ में अकेला रह गया,
हर कोई अपना मतलब लेकर चला गया।

वक़्त ने दिखा दिया चेहरा हर एक नकाब का,
अब समझ आया मतलब क्या होता है रिश्तों का।

जिसे समझा था अपना साया,
वो निकला सबसे बड़ा पराया।

मतलबी लोग आईने जैसे होते हैं,
सामने होते हैं पर दिल से बहुत दूर होते हैं।

अपने कहे थे पर मतलब से जुड़े थे,
दिल टूट गया जब हकीकत से जुड़े थे।

कभी जो रोने पर कंधा देते थे,
आज वही हंसते हैं हमें गिरा कर।

हर रिश्ता अब तोले जाने लगा है,
दिल की कीमत भी अब मतलब से मापी जाने लगी है।

रिश्तों के नाम पर होता है अब व्यापार,
जहाँ भावनाओं की कोई नहीं करता कद्र और सत्कार।

मतलबी रिश्तों ने इतना कुछ सिखा दिया,
अब किसी से उम्मीद करना भी गुनाह लगने लगा।


💔 Dhoka Shayari (धोखे पर शायरी)

धोखा ऐसा मिला कि खुद से नज़रे चुराने लगे,
जो कभी अपने थे, अब दिल दुखाने लगे।

तेरा झूठ आज भी दिल में चुभता है,
सच जानकर भी तुझसे मोहब्बत सी होती है।

वो कहते थे कभी छोड़ेंगे नहीं,
अब वही गैरों के साथ मुस्कुराते हैं कहीं।

तेरे धोखे ने मेरी मासूमियत छीन ली,
अब तो खुद से भी भरोसा हटने लगा है।

तेरे वादों पर भरोसा कर बैठे थे,
अब हर वादा हमें धोखा लगता है।

मोहब्बत में जो सबसे अपना लगता था,
वही सबसे बड़ा धोखा देता था।

तेरी बातें अब भी याद आती हैं,
पर अब उनमें मोहब्बत नहीं, धोखा नजर आता है।

जिसे जान से ज्यादा चाहा था,
उसने ही सबसे गहरा जख्म दिया।

झूठ की चादर में छुपा तेरा प्यार,
अब हकीकत बन कर करता है वार।

अब तो नींद भी डर-डर के आती है,
क्योंकि सपनों में भी तेरा धोखा दिखता है।

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